धर्म है मोक्ष पथगामी
मध्यम मार्ग सरल
पाँच अनुशीलन हैं इसके
मानव पालन कर.
सत्कर्मों की पूँजी बना ले
प्रेम-भाव अविरल
कर्मों को अपना धर्म समझ ले
करना किसी से न छल.
प्राणीमात्र पर दया करना तू
जो हैं दीन-निर्बल
बुद्ध ने जो सन्देश दिया है
उस पर करना अमल.
राग-रंग नहीं करना तुझको
संयम है तेरा बल
मानव जीवन तुझे मिला है
रखना इसे निर्मल.
त्रिपिटक ग्रंथों में समाये
जीवन सार सकल
प्रज्ञा शील करुणा अपना ले
मोक्ष की कामना कर.
स्वर्ग-नर्क सब किसने देखा ?
किसने देखा कल ?
परम-धाम जाना है तुझको
बुद्ध की राह पर चल.
बुद्धं शरणम गच्छामि
धम्मं शरणम गच्छामि
संघम शरणम गच्छामि
पंचशील के अनुगामी.
➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
🌷नमोतस्स भगवतो अरहतो सम्मासम्बुद्धस्य।🌷
━━━━━━━━༺۵༻━━━━━━━
0 Comments